उम्र

अब हमारी उम्र बढ़ने लगी है।
परफ़्यूम, पाउडर की ख़ुशबू की जगह आयोडैक्स और बाम की खुशबू आने लगी है।

अभी तक आँखों में नूर था,
अब चश्मे ने उसे ढक लिया है।

आज तक चलती थी घड़ी के साथ,
अब चलती हूँ छड़ी के साथ।

व्यस्तता के चक्कर में दोस्तों की आवाज़ कभी सुनी ही नहीं,
अब कानों में सुनाई देती है मशीनों की आवाज़।

पहले कभी पतली, छरहरी सी थी,
हर जगह उड़ती-फिरती थी।
अब बैठ जाऊँ तो उठाने को बुलाना पड़ता है।

ज़मीन पर पालथी मारना तो भूल जाओ,
कुर्सी पर बैठने के लिए भी उसी को पकड़ना पड़ता है।

इसलिए कहती हूँ—
“हँस लो खिलखिलाकर,
बाद में हँसोगे तो नक़ली बत्तीसियाँ ही झलक दिखाएँगी।”

खूब घूमने जाएँ, दोस्तों से मिलें,
फिर डॉक्टरों से फुर्सत नहीं मिल पाएगी।
पर्स में मेकअप की जगह दवाइयाँ नज़र आएँगी।

जी लो दोस्तों, जी लो—
ये उम्र फिर कभी ना लौट कर आएगी,
ना मुस्कुराएगी,
ना उड़ पाएगी,
बस ठहर जाएगी।

आईने में बुढ़ापा, ज़हन में जवानी का चेहरा लिए,
-लता मक्कड़

Blog on maid, Hindi Blogs, Funny Jokes in Hindi, Funny Blog