उम्र
अब हमारी उम्र बढ़ने लगी है। परफ़्यूम, पाउडर की ख़ुशबू की जगह आयोडैक्स औ
हमारे चाँद
आज भी हमारे चाँद हो तुम, अदरक की तरह फैल गये हो, फिर भी हमारा चाँद हो तुम।
रसोई की राजनीति
माँ का मुक़ाबला कोई नहीं कर सकता, किसी भी क्षेत्र में, चाहे वो बच्चों को
अल्हड़ सी चाय
अल्हड़ सी है मेरी चाय, पुराने से स्टोव पर अधजले हत्थेदार बर्तन में खौलत